हमारे देश के डिजायनर इतिहासकारों ने जिस चश्मे से वीर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) की क्षमा याचिका को देखा, उस चश्मे से कभी महात्मा गांधी (Mahatma Ganhdi) के फैसलों का अध्ययन नहीं किया और आज भी हमारे देश में यही हो रहा है. Via Zee News Hindi: India News https://ift.tt/2VgOvFl
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