प्रेस दिवस: आजादी से पहले और बाद की पत्रकारिता कैसी थी?

प्रेस दिवस: आजादी से पहले और बाद की पत्रकारिता कैसी थी?

आजादी के बाद प्रेस के मायने बदल गए. कुछ पत्रकारों के लिए प्रेस पुरस्कार पाने की एक सीढ़ी बन गई और कुछ के लिए पैसा छापने की मशीन. अखबारों और पत्रिकाओं में वो खबरें छापी जाने लगीं, जो सत्ता में बैठे नेताओं को सूट करती थीं.

source https://zeenews.india.com/hindi/india/story-of-the-decline-of-journalism-in-a-democracy-on-national-press-day/1029130

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